Friday, August 27, 2010

gadhe ki ho gayi wah bhai wah


gadhe ki ho gayi wah bhai wah

चुनाव के दंगल में मंगल का पहन दिखावटी चोला

चला मांगने वोट मंत्री बाहर से दीखता जो भोला

ढोल नगाडे साथ लीए चला मंत्री हो गधे पर सवार

और पार्टी चुनाव चीन्ह में बनाया गधे को अपना औजार

ना जाने मंत्रीजी को गधा गया क्यूँ ईतना भा

गधे की हो गयी वाह भाई वाह

नाम गधे की गूँज गधे की संग संग हवा तरंग बन चली

ना घोड़ा ना हाथी बस गधा ही गधा का पोस्टर छपने लगा गली हर गली

जब चिडियाघर के जानवरों ने सूना यह समाचार कमाल

जंगल का राजा शेर ऊस छन से हो गया एकदम बदहाल

कौन जानता था इश्वर के जादू का होगा ऐसा प्रवाह

गधे की ! हो जाएगी वाह भाई वाह

अब जहां से गुजरते गधे जनाब

पूरा स्पेशल होता उनका रख रखाब

सारे कुत्ते बील्लीयाँ करने लगे उन्हें सलाम

बस युहीं मौज मज्लीश में गुजरने गुजरता उनका सुबह और शाम

और मंत्री जी को तोह गधा मानो इतना पसंद आया

गधे को गधा कहने के खिलाफ कानून भी बनबाया

अब तोह गधों से घोडियां, शेरनी, बाघिन ने भी करना चाहा विवाह

गधे की हो गयी वाह भाई वाह